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Thursday, November 15, 2018

Type of Binary Codes

November 15, 2018
 Binary codes निम्न प्रकार के होते हैं।
1:- Binary code:- साधारण binary codes को 0 और 1 के combination से लिखा जाता है। संख्या जितनी बड़ी होती जाती है, 0 और 1 की serise उतनी ही बड़ी होती जाती है। उदाहरण के लिए single 0 या 1 के लिए केवल 1 bit चाहिये, पर 2 के लिए बाइनरि में 10 यानि दो bit चाहिये। इसी प्रकार 8 को लिखने के लिए 1000 यानि चार bit चाहिये। अतः जितनी बड़ी संख्या होगी, उसकी bits को  transmit करने के लिए उतना ही बड़ा circuit(उतनी ही ज्यदा wire) चाहिये। अतः साधारण binary code का उसे नहीं किया जाता है।


2:- BCD या 8421 codes:- BCD का मतलब Binary coded decimal है। ऊपर हमने पढ़ा कि octal हो या decimal या फिर hexadecimal, सभी की प्रत्येक डिजिट को बाइनरि में लिखने के लिए केवल चार bits की जरूरत पड़ती है। सबसे छोटी digit 0 को बाइनरि की चार bits में 0000 लिखते हैं और सबसे बड़ी hexadecimal की सबसे बड़ी digit F(पंद्रह) को binary bits के रूप में 1111 लिखते हैं। अतः यहाँ प्रत्येक डिजिट को चार-चार bits के समूह में अलग-अलग लिखा जाता है।
example:- 237 को BCD में लिखने के लिए 2=0010, 3=0011, 7=0111
                 237= (0010 0011 0111)BCD है।
BCD या 8421 code एक weighted code है। (क्योंकि यहाँ, once, tense, hundred और thousand के रूप में सभी digits का निश्चित मान है। 237 में 7, once के स्थान पर है जबकि 3, tense के और 2, hundred के स्थान पर है।)
BCD codes को साधारणतः digital codes को decimal रूप में(0 से 9 तक) output या input लेने के लिए स्तेमाल किया जाता है। कैल्कुलेटर व अन्य डिजिटल meter में इनका प्रयोग encoder और decoder में होता है।
8421:- किसी भी चार bit की बाइनरि संख्या को 8421 की मदद से डेसिमल में आसानी से बदला जा सकता है। example:- (1001)2 को अगर 8421 के साथ मिला कर देखें तो 8 की जगह पर 1 है और 1 की जगह पर भी 1 है, अतः (1001)2 = 8+1=(9)10  है। इसी प्रकार (1100)2 में 8 की जगह पर 1 है और 4 की जगह पर भी 1 है, अतः (1100)2=8+4=decimal रूप में(12)10 या hexadecimal रूप में (C)16 है।
3:-Excess-3 code(XS-3):- BCD code की प्रत्येक डिजिट में 3 add करके XS-3 कोड़े प्रपट किया जाता है।
Example:- 7 का XS-3 code 7+3=10 है। BCD में 0111 का XS-3 code 0111+0011=1010 है। 
Example:- 35 का XS-3 code 3+3 और 5+3 = 68 है। BCD में 0011+0011 और 0101+0011 =0110 1000 है।
(binary में 1+1=10 जहां 1=carry और 0=sum है और 1+0=1 होता है।)
Application:- किसी भी डेसिमल संख्या के XS-3 code का 1s compliment, उस decimal संख्या के 9s कॉम्प्लिमेंट के XS-3 code के बराबर होता है।
XS-3 code, un-weighted code है क्योंकि XS3 में लिखा गया code की सही value code से अलग होती है।
XS-3 में संख्या के असली मान को को 3 बढ़ा कर लिखा जाता है।
4:- ASKII Codes:- पहले समय में जब computer का आविष्कार हुआ था, तब सभी computer निर्माता अपने computers में अपने-अपने कोड उसे करते थे। यदि किसी customer का computer खराब हो जाए तो customer को उसी computer निर्माता से ठीक करवाना पड़ता था। एक कम्प्युटर का data दूसरे computer निर्माता के computer से match नहीं होता था। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए सबने मिलकर एक नया code तैयार किया जो की सूचना के आदान-प्रदान के लिए अमेरिका द्वारा प्रमाणित किया गया। इसी code को America Standard Code for Information Interchange (ASKII) कहा गया। ASKII codes के अंतर्गत अक्षरों, संख्याओं, और कुछ विशेष चिन्हों को binary के code दिये गये।
5:- Gray Code:- यह एक कम स्तेमाल होना वाला un-weighted code है। साधारणतः अन्य बाइनरि codes में एक number से बगल के दूसरे नंबर पर जाने में एक से अधिक bit बादल जाती हैं, परन्तु ग्रे code में केवल एक bit बदली होती है।
example:-बाइनरि में 7 से 8 मे जाने के लिए 0111 से 1000 में पहली bit 0 से 1 और बाकी तीन bits 1 से 0 में बादल गयी परन्तु ग्रे कोड में 7 को 0100 और 8 को 1100 लिखते हैं अतः 0100 से 1100 में जाने पर केवल पहली bit 0 से 1 में बदली हुई है और बाकी सभी bits same हैं।

 

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